मंगलवार, 22 सितंबर 2009

मेरा पहला ब्लॉग

नमस्कार दर्शकों ! यह मेरा पहला ऐसा ब्लॉग है ,जिसमे कुछ नयापन आपको नजर आएगा | वरना इससे पहले तोः सिर्फ़ टाइम पास ही था |अक्सर हम्म्में से बहुत से लोगों को आत्म विकास से सम्बंधित किताबें पढने का शौक जरूर होगा |वैसे मैं इसके ख़िलाफ़ नहीं हूँ ,और ही यह कहता हूँ की इन्हे पढ़ना ग़लत है , पर में सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ की क्या वाकई हमें इनकी जरूरत है |महात्मा बुद्ध ने कहा था "अप्प दीपो भव" अतार्थ ज्ञान और बुद्धिमता हमारे अन्दर ही है ,और हम उसे बाहरी दुनिया में तल्लाश्ते हैं | क्या यह ग़लत नही है |बल्कि जो लोगअपने क्षेत्र मे महान बन चुके हैं |कुछ देर के लिए उनका अनुसरण करें और उनके बनाये रास्तों का अवलोकन करें.वरना तोःयेही होगा की हम इन आत्म विकास से सम्बंधित किताबों की दुनिया में ही खो जायेंगे ,जो की गिनती में इतनी हें कि पढने के लिए एक जनम कम पढ़ जाए |फिलहाल के लिए इजाज़त दीजिये |नमस्कार !

2 टिप्‍पणियां:

आमीन ने कहा…

mubarak nya blog... likhte rahe... ham wait karenge...

Udan Tashtari ने कहा…

दर्शक??

मैं तो अदना सा पाठक हूँ. चलिए, आपके आने से टाईम पास युग से निकल कर नये युग में आने की इच्छा पूरी होती नजर आ रही है.

शुभकामनाएँ.