मंगलवार, 22 सितंबर 2009

जीवन का सही मतलब

एक बार एक मानव एक महात्माजी के पास जीवन की सच्चाई जानने के लिए आया |महात्माजी ने उसे कहानी सुनानी शुरू की "एक बार एक आदमी वन में भटक गया ,तभी उसे ज़ोर से प्यास लगने लगी तोः वह पास के ही कुएं से पानी खींचने लगा ,तभी उसकी नजर एक पागल हाथी पर पड़ी जो तेजी से उसकी ओर बढ़ रहा था |वह घबराकर कुएं में गिरने लगा ,तभी उसके हाथ में एक बेल आ गयी जो कुएं में ही निकल रही थी |उसने उसे पकड़ लिया |उसी जगह पर कहीं से शहद निकल रहा था |वह आदमी अपन डर भूलकर शहद को चाटने लगा ओर इस तरह आनंदित होने लगा |जिस बेल को उसने पकड़ रखा था .उस बेल को भी एक काला ओर एक सफ़ेद चुहा मिलकर काट रहे थे ,ओर नीचे एक विशाल मगर अपना मुख खोले पड़ा था ,पर इन सबसे बेखबर वह आदमी आनंदित था क्योंकि उसे शहद जो मिल रहा था| वह हाथी काल है ,बेल जीवन है,सफ़ेद ओर काला चूहा दिन ओर रात हैं ओर मगर ही मौत है.,शहद इस दुनिया के ऐशो आराम हैं ,पर मानव इन सबसे अनजान रहता है| येहि जीवन है|" महात्माजी बोले |वह इंसान संतुष्ट होकर लौट गया |क्यों दर्शकों कैसी लगी कहानी जरूर बातएगा|नमस्कार |

1 टिप्पणी:

Arvind Mishra ने कहा…

बिलकुल सही -आत्म दीपो भव ! स्वागतम !!