शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
मेरे हाथ बंधे हैं - मंगत राम सिंघल ,श्रम मंत्री ,देल्ली
नमस्कार दोस्तों ! जैसा कि आप जानते हैं ,देल्ली में निर्माण कार्य जोरों पर है |जो मजदूर इन कार्यों में लगे हैं क्या किसी ने सोचा है ,वे किन परिस्थितियों में काम करते हैं ?कितने घंटे काम करते हैं? ,और सबसे बड़ी बात कितनी पगार पर काम करते हैं ?कानून कहता है कि आठ घंटे कि मजदूरी के लिए मजदूर को कम से कम १५२ रुपये कि राषी तय है, जबकि इन मजदूरों को जो कि काम की तलाश में दूर दराज से आते हैं ,उन्हें १० से १२ घंटे काम करने के लिए मिलते हैं सिर्फ़ ९० से १०० रुपये |इस पर हमारे श्रम मंत्री ,श्री मंगत राम सिंघल जी का कहना है कि मेरे हाथ बंधे हैं ,मैं कुछ नहीं कर सकता|इन गरीब और अशिक्षित मजदूरों कि लाचारी तो समझ मैं आती है ,पर मंत्रीजी और अधिकारियों कि मजबूरी मेरी समझ से बाहर है |क्या इस समस्सया का कोई समाधान हो सकता है ?जरूर बतायेअगा | नमस्कार!
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1 टिप्पणी:
बहुत ही बेहतरीन रचना ।
बहुत ही बेहतरीन रचना ।
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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